Friday, 15 March 2013

Kabir Satya Siddhant: कबीर के राम

Kabir Satya Siddhant: कबीर के राम: कबीर के राम भगवान श्री राम का नाम हम पूरी आस्था के साथ लेते है| हम भगवान श्री राम को पुरुषोत्तम राम के नाम से पुकारतें है| राम के नाम...

Wednesday, 1 August 2012

दो शब्द

  • कबीर नाम आते ही एक ऐसे संत की छवि हमारे मन मस्तिष्क में उभर आती है ।जिन्हें  कुछ लोग फक्कड़ घुमक्कड़ संत; समाज सुधारक;  निर्गुण पंथी दार्शनिक मानते हैं , तो कुछ लोग सतगुरु मानते हुए अपने आराध्य के रूप में पूजते हैं । कुछ लोग  जो  कबीर को समाज सुधारक के रूप में स्वीकार करते हुए उन्हें हिन्दू मुस्लिम धर्म विरोधी मानते है और उनके दोहों एवं साखियों का उदहारण लेकर अपने - अपने अर्थ लगाते  हैं । वहीं  कुछ लोग उन्हें अपना आराध्य मानते हुए  कबीर पंथ के नाम से एक अलग संप्रदाय का गठन करते हैं या स्थापित करते हैं । जिन कुरीतियों का कबीर दास  ने अपने जीवन पर्यन्त  खण्डन  करने का प्रयास किया कामोवेश उनका उद्धरण धारण करने वाले लोग अपने मन माफिक व्याख्या करते हुए अपनी - अपनी दुकान चलने लगे। ऐसे में कबीर के  दर्शन को पुनः स्थापित करने एवं उसकी सम्यक विवेचना की आवश्यकता  प्रतीत होने लगी है ।